आज विश्व हिंदी दिवस है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रेम सागर हिंदी का पहला प्रकाशित उपन्यास था। हिंदी उन 7 भाषाओं में से एक है, जो वेब यूआरएल बनाने के लिए प्रयोग की जाती हैं। बंगला, गुरु और जंगल जैसे कुछेक अंग्रेजी शब्द, हिंदी से ही लिए गए हैं। और इससे भी इंटरेस्टिंग फैक्ट यह है कि, हिंदी और उर्दू की व्याख्या के लिए जो एक शब्द प्रयोग किया जाता है, वो है ‘‘हिंदुस्तानी’’। हिंदी दुनिया भर में लगभग 430 मिलियन लोगों की मूल भाषा यानी उनकी नेटिव लैंग्वेज है। शायद आपको पता हो कि, हिंदी का सबसे पुराना रूप अपभ्रंश है, जो संस्कृत की एक शाखा है। पावर लैंग्वेज इंडेक्स के अनुसार, हिंदी भाषा साल 2050 तक दुनिया की सबसे शक्तिशाली भाषाओं में से एक होगी। साल 1975 में पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में आयोजित किया गया था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था। इस दिन की यादगार में, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने, 10 जनवरी 2006 को पहली बार, विश्व हिंदी दिवस मनाया और तब से, यह दिन हर साल मनाया जाता है, जबकि विश्व हिंदी सम्मेलन हर तीन साल में, एक बार होता है। विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस को लेकर, लोग अक्सर कन्फ्यूज होते हैं! वास्तव में साल 1949 में 14 सितंबर को, देवनागरी लिपि में लिखी गई, हिंदी को भारत की राजभाषा बनाया था। और इसलिए भारत, हर साल, 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाता है। वहीं, इस भाषा के लिए 26 जनवरी 1950 का दिन भी बहुत खास था, क्योंकि इस दिन संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई।
भारत के आजाद होने के 15 सालों तक, हमारी आधिकारिक भाषा- अंग्रेजी थी। जब संविधान लागू हुआ, तो यह सुझाव रखा गया कि अगले 15 साल के अंदर, हिंदी के पक्ष में अंग्रेजी को धीरे-धीरे हटा दिया जाएगा। लेकिन जब भारत सरकार, हिंदी को देश की एकमात्र आधिकारिक भाषा बनाने लगी, तो साल 1964 में, गैर-हिंदी भाषी लोगों ने इसका विरोध किया। तब राजभाषा अधिनियम, 1963, लाया गया, जिसके तहत अंग्रेजी भी सहायक आधिकारिक भाषा बन गई! वर्तमान की बात करें, तो देश में करीब 77% लोग हिंदी लिखते, पढ़ते, बोलते और समझते हैं। दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है! भारत की जनगणना के अनुसार, 44% लोगों की नेटिव लैंग्वेज हिंदी है और करोड़ों भारतीय ऐसी भाषाएँ बोलते हैं, जो मोटे तौर पर, हिंदी के तहत आती हैं, जैसे अवधी और भोजपुरी। आज न सिर्फ north इंडिया, बल्कि ईस्ट और साउथ इंडिया में भी हिंदी का प्रयोग बढ़ा है! लगभग 60 और 70 के दशक में, साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार ने, पॉपुलर हिंदी फिल्में बनाना शुरू की और आज, इस इंडस्ट्री ने बॉलीवुड को पुष्पा, बाहुबली जैसी कई हिट ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं! और तो और, साउथ इंडियन हिंदी मूवी ‘‘ट्रिपल आर’’ साल 2022 में ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट हुई थी! हिंदी भाषा, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, कच्छ से लेकर अरुणाचल तक, पूरे भारत का जोड़ रही है, और यह कनेक्टिविटी देश के टूरिज्म और बढ़ते बिजनेेस में देखी जा सकती है!
साल 2012 में, श्रीदेवी की फिल्म ‘‘इंग्लिश विंग्लिश’’ आई थी, जिसमें हमने देखा कि अपनी खराब इंग्लिश कम्युनिकेशन की वजह से, शशि गोडबोले को अपने ही परिवार में शर्मिंदा होना पड़ता है! इसके अलावा, ‘‘हिंदी मीडियम’’ और ‘‘हाफ गर्लफ्रेंड’’ जैसी कई फिल्में, भारत में हिंदी और अंग्रेजी की इसी दरार को हमारे सामने लाई हैं! ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि अंग्रेजी का उपयोग बंद किया जाना चाहिए, लेकिन हिंदी का विकास, भारत की पूरी संस्कृति के लिए जरूरी है! हिंदी का मूलमंत्र- प्रोत्साहन और सद्भावना से आगे बढ़ना है, न कि किसी भाषा को दबाना! चाहे हिन्दी हो या अंग्रेजी; या कोई भी स्थानीय भाषा, ये सभी सिर्फ विचारों को सामने रखने का एक माध्यम हैं और सभी की अपनी अहमियत है! भारत के पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था- ‘‘जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वो उन्नत नहीं हो सकता!’’ हिंदी ही नहीं, बल्कि भारत की हर स्थानीय भाषा बहुत प्यारी और मधुर है! ‘‘कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी’’, यह सिर्फ एक पुरानी कहावत नहीं है, बल्कि देश में दस हजार से ज्यादा बोलियां, बोली जाती हैं! और हमें, देश की इसी सांस्कृतिक और भाषाई विविधता से, प्यार है। हिंदी हमारे देश के प्रेम, समर्पण, संघर्ष और संस्कृति को रिप्रेजेंट करती है! द रेवोल्यूशन- देशभक्त हिंदुस्तानी, की ओर से आप सभी को विश्व हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई!